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triple talaq – Chhattisgarh Tehelka https://cgtehelka.in News jo tahelka Macha de Wed, 26 Dec 2018 14:18:10 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 लोकसभा में कल हो सकती है तीन तलाक पर चर्चा, BJP ने जारी किया है व्हिप https://cgtehelka.in/2018/12/26/%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%95%e0%a4%b8%e0%a4%ad%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a4%b2-%e0%a4%b9%e0%a5%8b-%e0%a4%b8%e0%a4%95%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%88-%e0%a4%a4%e0%a5%80/ Wed, 26 Dec 2018 14:18:10 +0000 https://chhattisgarhtimes.in/?p=5286 मुस्लिम समाज से जुड़ी एक बार में तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में चर्चा हो सकती है। पिछले सप्ताह सदन में इस पर सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर को विधेयक पर चर्चा होगी।
इससे पहले कांग्रेस ने इस पर सहमति जताई थी कि वह ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018 पर होने वाली चर्चा में भाग लेगी। वहीं बीजेपी (BJP) ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। इस व्हिप में बीजेपी ने सभी सांसदों को मौजूद रहने को कहा है।
दरअसल, लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से आश्वासन मांगा कि उस दिन बिना किसी बाधा के चर्चा होने दी जाएगी। इस पर खड़गे ने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस विधेयक पर 27 दिसंबर को चर्चा कराइए। हम सभी इसमें हिस्सा लेंगे। हमारी पार्टी और अन्य पार्टियां भी चर्चा के लिए तैयार हैं।’
खड़गे के इस बयान पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था, ”खड़गे जी ने सार्वजनिक वादा किया है और हमें 27 दिसंबर को चर्चा कराने में कोई समस्या नहीं है। मैं अनुरोध करता हूं कि चर्चा खुशनुमा और शांतिपूर्ण माहौल में हो।’
तीन तलाक को दंडात्मक अपराध घोषित करने वाला यह विधेयक गत 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। यह तीन तलाक से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है।
इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा तथा इसके लिए तीन साल तक की सजा हो सकती है। कुछ दलों के विरोध के मद्देनजर सरकार ने जमानत के प्रावधान सहित कुछ संशोधनों को मंजूरी प्रदान की थी ताकि राजनीतिक दलों में विधेयक को लेकर स्वीकार्यकता बढ़ सके।
विधेयक पेश करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय की ओर से गैरकानूनी करार दिए जाने के बावजूद तीन तलाक की प्रथा नहीं रुक रही है।

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