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News jo tahelka Macha deMon, 26 Nov 2018 12:37:05 +0000en-US
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1 https://wordpress.org/?v=6.7.2राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण राम मंदिर निर्माण में देरी: शिवसेना
https://cgtehelka.in/2018/11/26/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%87%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b%e0%a4%be%e0%a4%b6%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%bf-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95/
Mon, 26 Nov 2018 12:37:05 +0000https://chhattisgarhtimes.in/?p=3764मुंबई: शिवसेना ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी’ के कारण अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में देरी हो रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के कंधों पर बंदूक रख कर मुद्दे को लेकर ‘राजनीतिक नौटंकी’ करनी बंद करनी चाहिए। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी के ‘56 इंच का सीना’ संबंधी टिप्पणी के लिए उन्हें आड़े हाथ लेते हुए शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस में राम मंदिर बनाने का साहस नहीं था, इसलिए उसे सत्ता से बाहर कर दिया गया और ‘56 इंच का सीना’ रखने वाले एक व्यक्ति को प्रशासन की चाभी दी गई।
कांग्रेस के खिलाफ आरोप लगाना मोदी को करना चाहिए बंद
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा गया है, ‘‘इसके बावजूद अगर आप कांग्रेस को पानी, भूमि और वायु में देख रहे हैं तो एक बार फिर लोगों को आपके सीने की नाप लेनी होगी। अगर राम लगातार ‘वनवास’ में रहेंगे तब आप अपनी राजनीतिक ‘नौटंकी’ बंद करें।’’ 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए ‘56 इंच का सीना’ चाहिए। कांग्रेस पर अदालत की प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न करने के प्रधानमंत्री के आरोप पर शिवसेना ने कहा, ‘‘मोदी को गांधी परिवार और कांग्रेस के खिलाफ आरोप लगाना बंद करना चाहिए। इस तरह की रुकावटें तथा मुसीबतों का पहाड़ा पढऩे के लिए आपको सत्ता नहीं सौंपी गई है।
‘सामना’ में कहा गया कि राम मंदिर में कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की ओर से रुकावटें थीं इसीलिए तो लोगों ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर भाजपा को सत्ता में लाया इसलिए अब कांग्रेस पर ठीकरा फोडऩा बंद करें।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘कांग्रेस के विरोध के बावजूद क्या नोटबंदी नहीं हुई? कांग्रेस की ओर से रुकावट के बावजूद क्या जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती (पीडीपी) के साथ आपने सरकार नहीं बनाई? तब राम मंदिर के निर्माण में अवरोध क्यों?’’ भाजपा के दावों का विरोध करते हुए शिवसेना ने दावा किया कांग्रेस नहीं, बल्कि मंदिर के निर्माण में ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी’ सबसे बड़ा अवरोध है। शिवसेना केंद्र और राज्य में भाजपा की सहयोगी है।
]]>शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे की बीजेपी को चेतावनी, मंदिर बनाओ नहीं तो फिर सत्ता में नहीं रहोगे
https://cgtehelka.in/2018/11/25/%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%ab-%e0%a4%89%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%b5-%e0%a4%a0%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%95/
Sun, 25 Nov 2018 07:44:40 +0000https://chhattisgarhtimes.in/?p=3716आगामी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर राम मंदिर का मामला पूरी तरह से गरमा गया है। अयोध्या में रामलला का दर्शन करने के बाद रविवार को शिव सेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव के समय सभी दल राम-राम करते हैं और उसके बाद सभई आराम करते हैं।
उद्धव ने साफ किया कि उनका अयोध्या आने के पीछे कोई पिछा एजेंडा नहीं है। चुनाव में राम नाम के इस्तेमाल पर चेताते हुए शिवसेना प्रमुख ने केन्द्र सरकार पर सीधा निशाना साधा और कहा कि चुनाव में राम नाम का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। ठाकरे ने आगे कहा कि अगर मामला अदालत के पास ही जाना है तो चुनाव के प्रचार के दरम्यान उसे इस्तेमाल न करें। हिन्दुओं और उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करें। यहीं कहने मैं यहां आया हूं।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए। शिव सेना चीफ ने कहा कि अगर ये मंदिर नहीं बनाती है तो सरकार दोबारा बने या न बने लेकिन ये मंदिर जरूर बनना चाहिए। उधर, विश्व हिन्दू परिषद अयोध्या में आज धर्मसभा करने जा रहा है। इसके मद्देनजर वहां पर कड़ी सुरक्षा की तैनाती की गई है।
उद्धव ने कहा कि जिन संतों ने मुझे कल आशीर्वाद दिया मैनें उन्हें यह बताया कि जो काम अभी शुरू होना है वह आपके आशीर्वीद के बिना शुरू नहीं होगा। मेरा अयोध्या आने के पीछे कोई छिपा एजेंडा नहीं है। मैं सभी भारतीयों और दुनिया भर के हिन्दुओं की भावनाओं का इजहार करने आया हूं। सभी राम मंदिर का इंतजार कर रहे हैं।
शिवसेना चीफ ने आगे कहा – मैने सुना था कि सीएम योगी ने कहा कि मंदिर था, है और रहेगा। ये तो हमारी धारणा है, हमारी भावना है। दुख इस बात का है कि वो दिख नहीं रहा, वो मंदिर दिखेगा कब। जल्द से जल्द निर्माण होना चाहिए।
]]>आयोध्या में राममंदिर को लेकर गरमाया माहौल , कई हिन्दू संगठन आंदोलन के लिए पहुंचे
https://cgtehelka.in/2018/11/24/%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%a7%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b2/
Sat, 24 Nov 2018 07:23:44 +0000https://chhattisgarhtimes.in/?p=3653अयोध्या। अयोध्या इस समय उत्साह और उमंग के साथ ही संशय के दौर से भी गुजर रही है। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए शुरू हुए आंदोलन ने विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयं संघ, शिवसेना और हिंदू संगठनों के साथ ही आमजन का भी उत्साह बढ़ा दिया है लेकिन 26 वर्ष पहले छह दिसंबर को ढांचा ध्वंस के बाद उत्पन्न हुए हालात को याद कर लोग सहमे भी हैं।
विश्व हिंदू परिषद ने रविवार को बड़े भक्त माल की बगिया में विराट धर्मसभा का आयोजन किया है। इसमें तीन लाख से ज्यादा लोगों के जुटने का दावा है। इसके पहले शनिवार को लक्ष्मण किला में शिवसेना 1100 संतों को सम्मानित करने जा रही है। मकसद एक होने के बावजूद विहिप और शिवसेना के बीच मतभेद हैं।
पखवाड़े के भीतर ही छह दिसंबर आने वाला है। 1992 में इसी तारीख को अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के लिए वैसी ही भीड़ जुटी थी, जैसी विहिप ने बुलाई है। तब ढांचा ध्वंस हुआ था लेकिन उसके बाद लंबे समय तक अयोध्या ने दिक्कतों का सामना किया। यहां के निवासी राम शब्द कहते हैं कि भीड़ पर किसी का नियंत्रण नहीं होता, इसलिए कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता। लोग अभी से सब्जी, दाल, और रोजमर्रा की चीजों से घर भरने लगे हैं।
हालांकि सरकार ने सुरक्षा के चौकस इंतजाम किए हैं और कहीं कोई घटना न हो, इसके लिए अफसरों की जवाबदेही तय की गई है। शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के मेले का समापन था। इस बार आने वाले श्रद्धालु भी थोड़ा कम आए। अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार की दोपहर को ही अयोध्या की सड़कों पर आवागमन सुचारू रूप से चलने लगा। पहले कार्तिक पूर्णिमा के दिन अयोध्या से गुजर पाना आसान नहीं होता था। यह पुलिस की चौकसी का ही नतीजा है पर, राम मंदिर निर्माण के लिए छटपटाहट भी खूब है।
लक्ष्मण किला के करीब लाल कोठी के पास रहने वाली चारुशिला सहचरी कहती हैं कि राम मंदिर बनना चाहिए। अब देर न हो। वह कहती हैं कि प्रभु श्रीराम कुछ ना होने देंगे।
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