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News jo tahelka Macha deWed, 26 Dec 2018 12:17:50 +0000en-US
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1 https://wordpress.org/?v=6.7.2CM congratulates Meghraj Sahu for joining Indian Army as a lieutenant commissioned officer
https://cgtehelka.in/2018/12/26/cm-congratulates-meghraj-sahu-for-joining-indian-army-as-a-lieutenant-commissioned-officer/
Wed, 26 Dec 2018 12:17:50 +0000https://chhattisgarhtimes.in/?p=5276Chhattisgarh Times Raipur: Chief Minister Bhupesh Baghel congratulated Meghraj Sahu for his outstanding achievement of joining Indian Army as a lieutenant commissioned officer.
Baghel gave wishes and blessing for his bright future. Baghel said that he has glorified the name of Chhattisgarh and his success is inspiring for the youth across the state.
Born to a very normal middle-class family, Meghraj Sahu got inspiration to join defense from his father Ramesh Kumar Sahu who has been serving as the Subedar Major in the Indian Army since 1988.
With his hard work and dedication, Sahu got selected in the Guwahati Sainik School of Assam in the year 2006—which is among the best Sainik schools of the country.
He completed his graduation from Banaras Hindu University (BHU), one of the prestigious institutions of the country.
He cleared the Union Public Service Commission’s 2016 examination in his first attempt and joined the Indian Military Academy (IMA) Dehradun for his training.
Out of more than five lakh candidates, Sahu achieved 60th rank in the 2016 Batch Examination of Union Public Service Commission (UPSC). He was the only youth from the state to clear the exam in 2016.
After completion of his training successfully in the academy on December 8, Sahu was honored with a commission letter by President Ramnath Kovind and he has been appointed as Lieutenant Commissioned Officer in the Indian Army.
]]>क्या आप जानते हैं भारत की रेजिमेंट के बारे में…?
https://cgtehelka.in/2018/11/16/%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%aa-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%88%e0%a4%82-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b0/
Fri, 16 Nov 2018 06:27:16 +0000https://chhattisgarhtimes.in/?p=3208देश का गौरव बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर देश की अपनी सेना होती है जब 1947 में अंग्रेज़ भारत छोड़कर गए, तो भारत को थलसेना, वायुसेना, और नौसेना मिली। भारतीय सेना में सैनिकों एवं अधिकारियों को विभिन्न रेजिमेंट्स में बाटां गया है। रेजिमेंट्स को जरूरत के हिसाब से मोर्चो पर भेजा जाता है। हिन्दुस्तान के हर एक नागरिक को अपने देश की सेना के बारे में ज्यादा कुछ नही लेकिन थोडा बहुत तो पता ही होना चाहिए। क्या आपको मालूम है कि भारत में कितनी रेजिमेंट्स है नहीं ना चलिए हम आपको भारतीय सेना की 13 रेजिमेंट्स से रु-ब-रु कराते हैं जो तिरंगे को हमेशा ऊंचा रखने और भारतवासियों को डर से दूर रखने के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए जान को गवां देते है। भारत की इन रेजिमेंट्स को हर हिन्दुस्तानी का सलाम!
1. पैराशूट रेजिमेंट :
इस रेजिमेंट की स्थापना आजादी से पहले 29 अक्टूबर 1941 को हुई थी। उस समय लेफ्टिनेंट जनरल एनकेएस घई इस रेजिमेंट के प्रमुख थे। यह रेजिमेंट देश के सैन्य बलों को हवाई मदद पहुंचाती है। 10 में से 9 पैराशूट बटालियन की तैनाती सन् 1999 में कारगिल युद्ध के समय ऑपरेशन विजय के लिए हुई थी। पैराशूट बटालियन 6 और 7 ने कारगिल युद्ध में मुश्कोह घाटी पर विजय प्राप्त की थी। वहीं पैराशूट बटालिन 5 ने बाटालीक ने प्वाइंट पर जीत हालिस की थी।
2. मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट :
सन् 1965 में हिंदुस्तान-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सेना को मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट की बहुत ज्यादा जरूरत महसूस हुई। सन् 1979 में मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट की स्थापना हुई। मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट ऑपरेशन पवन के तहत श्रीलंका, ऑपरेशन रक्षक के तहत पंजाब और जम्मू-कश्मीर, ऑपरेशन विजय के तहत जम्मू-कश्मीर में अपना कमाल दिखा चुकी है।
3. पंजाब रेजिमेंट :
भारत की सबसे पुरानी रेजिमेंट पंजाब रेजिमेंट है। इसका बंटवारा भारत-पाक बंटवारे के समय हुआ था। जिसका पहला हिस्सा पाकिस्तान और दूसरा हिस्सा हिन्दुस्तान को मिला। पंजाब रेजिमेंट विदेशों में होने वाले शांति कार्यक्रमों के काफी सक्रिय रही है। इस रेजिमेंट का जौहर “लोगेंवाला” में देख चुके है जिसने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी थी। ऑपरेशन ब्लूस्टार के समय हुई बगावत की वजह से इस रेजीमेंट के 122 अधिकारियों का कोर्टमार्शल किया गया था। यह घटना भारतीय सेना के इतिहास की सबसे बड़ी घटना थी।
4. मद्रास रेजिमेंट :
भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट में से एक मद्रास रेजिमेंट है। इसकी स्थापना 1750 के दशक में अंग्रेजों ने की थी। इस रेजिमेंट के पास तमाम उपलब्धियाँ हैं। इसके पास कुल 23 बटालियन हैं।
5. राजपूत रेजिमेंट (Indian Army Regiments) :
इस रेजिमेंट को सन् 1778 में अंग्रेजों ने बनाया था। दोनों विश्वयुद्ध में इस रेजिमेंट ने अंग्रेजों की तरफ से लड़ाई की
थी। इस रेजिमेंट ने भारत-चीन युद्ध में अपना साहस का परिचय दिया था। सन् 1971 में इस रेजिमेंट से पाकिस्तानी सैनिक भय खाते थे।
6. जाट रेजिमेंट :
इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन् 1975 में की थी। अपनी बहादुरी के लिए इस रेजिमेंट को कई युद्ध सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है। इस रेजिमेंट के पास 2 अशोक चक्र, 32 शौर्य चक्र, 8 महावीर चक्र, 2 विक्टोरिया क्रॉस, 8 कीर्ति चक्र, 39 वीर चक्र, और 170 सेना पदक भी शामिल हैं।
7. सिख रेजिमेंट (Indian Army Regiments- Sikh) :
इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने 1 अगस्त 1846 में की थी। यह रेजिमेंट निश्चय कर “अपनी जीत करो” के नारे के साथ अपनी 19 बटालियन को लेकर आगे बढती है। इस रेजिमेंट ने ब्रिटिश भारत के दौरान महत्वपूर्ण मोर्चों पर फतेह हासिल की और आजादी के बाद देश की होने वाली हर लड़ाई में अपने साहस का परिचय दिया है। कारगिल युद्ध के समय टाइगर हिल पर कब्ज़ा सिख रेजिमेंट ने किया था।
8. डोगरा रेजिमेंट :
इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन् 1877 में की थी। इस रेजिमेंट ने पाकिस्तान के एक बार नही, बार-बार दांत खट्टे किए हैं। देश की सबसे खतरनाक रेजिमेंट में डोगरा रेजिमेंट का नाम सबसे आगे है।
9. कुमायूं रेजिमेंट :
इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन् 1813 में की थी। अब तक इस रेजिमेंट के पास 4 अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 2 परम चक्र, 6 कीर्ति चक्र समेत अनेक पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है। इस रेजिमेंट ने बहुत सारे युध्दों में अपना कौशल दिखाया है दुनिया का सबसे ऊँचे युध्द के सियाचिन ग्लेशियर के मैदान में यह रेजिमेंट भी तैनात थी।
10. असम रेजिमेंट (Indian Army Regiments- Assam) :
इस रेजिमेंट की स्थापना 15 जून 1941 को अंग्रेजों ने की थी। इस रेजिमेंट में मुख्य तौर पर भारत नार्थ-ईस्ट के सिपाहियों को भर्ती किया जाता है। चीन हमले और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में इस रेजिमेंट ने हिस्सा लिया था।
11. बिहार रेजिमेंट (Indian Army Regiments- Bihar) :
इस रेजिमेंट की स्थापना सन् 1941 में की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध में इस रेजिमेंट ने हिस्सा लिया था। भारत-पाक के सभी युद्धों में इस रेजिमेंट ने हिस्सा लिया था। कारगिल युद्ध में भी इस रेजिमेंट ने दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे।
12. महार रेजिमेंट :
इस रेजिमेंट की स्थापना सन् 1941 अंग्रेजों के समय में हुई थी। इस रेजिमेंट के पास 1 परमवीर चक्र, 4 महावीर चक्र समेत बहुत सारे पुरस्कार मिल चुके हैं। इस रेजिमेंट के लिए देश के सभी कोने से सिपाहियों की भर्ती की जाती है।
13. नागा रेजिमेंट (Indian Army Regiments- Naga) :
देश की सबसे नई रेजिमेंट नागा रेजिमेंट है। इस स्थापना सन् 1970 में हुई थी। स्थापना के तुरंत बाद बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लिया था। द्रास सेक्टर में कमान इस रेजिमेंट ने कारगिल युध्द के समय संभाली थी। इस रेजिमेंट को बहुत सारे युद्ध सम्मान भी प्राप्त हैं।
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