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News jo tahelka Macha deSat, 22 Dec 2018 12:14:59 +0000en-US
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1 https://wordpress.org/?v=6.7.2अब सिर्फ 28 चीजें 28% GST के दायरे में, हवाई और सिनेमा टिकट हुए सस्ते, जाने और क्या-क्या हुआ सस्ता…
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Sat, 22 Dec 2018 12:14:59 +0000https://chhattisgarhtimes.in/?p=5084नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 28% के सबसे ऊंचे स्लैब में से 6 वस्तुएं बाहर की गई हैं। अब इस स्लैब में केवल 28 वस्तुएं हैं और ये सभी लग्जरी आइटम हैं। उन्होंने बताया कि सिनेमा टिकट, 32 इंच तक के टीवी, टायर की टैक्स दर घटाई गई है। डेढ़ साल में 198 वस्तुएं 28% टैक्स स्लैब से बाहर
1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुआ तो 28% टैक्स स्लैब में 226 वस्तुएं थीं। डेढ़ साल में इनमें से 198 वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। अभी 28% जीएसटी स्लैब में 28 वस्तुएं हैं। इनमें सीमेंट के अलावा वाहन, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, याट, एयरक्राफ्ट, कोल्ड ड्रिंक्स, तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला जैसी वस्तुएं शामिल हैं। टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव –
विमान से धार्मिक यात्राओं पर पहले 18% टैक्स लगता था। लेकिन, अब ये सामान्य टैक्स की तरह यानी इकोनॉमी के लिए 5% और बिजनेस क्लास के लिए 12% होगा।
बैंकों की तरफ से जन-धन खाताधारकों को दी जाने वाली सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
टीवी, टायर, मोबाइल बैटरी, वीडियो गेम को 28% टैक्स स्लैब से 18% टैक्स स्लैब में लाया गया है।
100 रुपए तक की सिनेमा की टिकटों 18% जीएसटी से 12% में लाया गया। 100 से ऊपर वाली टिकटों को 28% से 18% कर दिया गया है।
एसी, डिशवॉशर पर 28% जीएसटी लगेगा।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी 18% से 12% कर दिया गया है।
रियल एस्टेट सेक्टर में जीएसटी पर फैसला काउंसिल की अगली बैठक में लिया जाएगा। सभी का यह मानना है कि इस क्षेत्र में कुछ बदलाव होना चाहिए
सीमेंट और ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी की दरों में कोई कटौती नहीं की गई है।
]]>31 दिसंबर को पहली बार फाइल होगा जीएसटी ऑडिट
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Mon, 19 Nov 2018 08:55:21 +0000https://chhattisgarhtimes.in/?p=3401रायपुर। जीएसटी को लागू हुए करीब डेढ़ साल हो रहे हैं लेकिन 31 दिसंबर को इसका पहली बार ऑडिट फाइल करना है और इसके लिए सभी को तैयार होना होगा। दो करोड़ से अधिक बिक्री करने वाले व्यापारियों को चाहिए कि वो चार्टर्ड अकाउंटेंट या कास्ट अकाउंटेंट से अपना ऑडिट करवा लें। विशेषज्ञों का कहना था कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि ऑडिट के पहले किसी भी व्यापारी को कोई परेशानी न हो।
यह जानकारी शनिवार को वृंदावन हॉल में जीएसटी पर आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने दिए। टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार जीएसटी ऑडिट होना आवश्यक है। कास्ट अकाउंट्स के पूर्व सेंट्रल काउंसिल सदस्य संजय भार्गव ने बताया कि ऑडिट तीन तरह क होते हैं। पहले ऑडिट में जिनकी बिक्री दो करोड़ से अधिक का होता है उन्हें सीए व कास्ट अकाउंट्स से ऑडिट कराना होगा।
इसके बाद दूसरा ऑडिट कमिश्नर या उसके द्वारा अधिकृत किए गए अधिकारी द्वारा किया जाता है। तीसरा ऑडिट को स्पेशल आॉडिट कहा जाता है। ये सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 66 के तहत संचालित होते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम के एडिशनल कमिशनर अजय मुख्य अतिथि थे। साथ ही डिप्टी डायरेक्टर रतन खटनानी विशेष रूप से उपस्थित थे।
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