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goldon visa – Chhattisgarh Tehelka https://cgtehelka.in News jo tahelka Macha de Fri, 07 Dec 2018 08:33:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 ब्रिटेन ने खत्म किया धनी लोगों के लिए गोल्डेन वीजा https://cgtehelka.in/2018/12/07/%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a5%87%e0%a4%a8-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%96%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%a7%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%b2/ Fri, 07 Dec 2018 08:33:16 +0000 https://chhattisgarhtimes.in/?p=4234 लंदन। ब्रिटिश सरकार ने धनी लोगों को दी जाने वाली गोल्डेन वीजा की सुविधा को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है। ब्रिटेन में 76 भारतीय अरबपति भी इस वीजा सुविधा का लाभ उठाकर स्थायी रूप से वहां रह रहे हैं। सरकार के अनुसार दुरुपयोग की आशंका से इस वीजा सुविधा को निलंबित किया गया है।
ब्रिटेन में टीयर-1 स्तर के निवेशक भारतीयों को फास्ट ट्रैक रूट से यह वीजा दिया जाता है। ये ब्रिटेन में करोड़ों रुपये का निवेश करने की योजना के साथ वहां आते हैं। गोल्डेन वीजा की यह सुविधा शुक्रवार रात से निलंबित कर दी गई। अगले साल बनने वाले नए नियमों तक यह व्यवस्था निलंबित रहेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 2009 से लागू इस व्यवस्था के तहत गोल्डेन वीजा प्राप्त कर 76 भारतीय अरबपति ब्रिटेन में स्थायी रूप से रह रहे हैं। सबसे ज्यादा 16 भारतीय अरबपति 2013 में आए जबकि 2017 में सात लोग ब्रिटेन आए। 2017 में इस खास वीजा को प्राप्त कर एक हजार से ज्यादा चीन और रूस के अरबपति ब्रिटेन आए और वहां बस गए।
ब्रिटेन की आव्रजन मामलों की मंत्री कैरोलिन नोक्स ने कहा है कि असली और वास्तविक निवेशकों के लिए उनके देश के द्वार खुले हुए हैं। ऐसे लोग ब्रिटेन आकर हमारी अर्थव्यवस्था और कारोबार को बढ़ावा देने में सहयोग कर सकते हैं। लेकिन हम उन लोगों से सावधान हैं जो केवल नियमों का लाभ उठाकर अपने मतलब के लिए ब्रिटेन आ रहे हैं और यहां बस जा रहे हैं। ऐसे मतलबी लोगों को ध्यान में रखकर ही नियमों में बदलाव किए जाएंगे।
अभी तक लागू नियम के अनुसार, एक करोड़ पाउंड (करीब 90 करोड़ रुपये) का निवेश करने पर निवेशक और उसके परिवार को ब्रिटेन में स्थायी रूप से रहने का वीजा मिल जाता था। गोल्डेन वीजा स्कीम को खत्म किए जाने के पीछे रूस के साथ बिगड़े ब्रिटेन के संबंधों को भी कारण माना जा रहा है। ब्रिटेन नहीं चाहता देश में रूसियों की संख्या बढ़े, जो आने वाले समय में उसके लिए मुश्किल बनें।

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