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america – Chhattisgarh Tehelka https://cgtehelka.in News jo tahelka Macha de Wed, 26 Dec 2018 07:26:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 छात्र की मौत पर अमेरिकी कोर्ट ने उत्तर कोरिया पर लगाया 3500 करोड़ का हर्जाना https://cgtehelka.in/2018/12/26/%e0%a4%9b%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%8c%e0%a4%a4-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b/ Wed, 26 Dec 2018 07:26:43 +0000 https://chhattisgarhtimes.in/?p=5264 वाशिंगटन। अमेरिका की संघीय कोर्ट ने वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के छात्र ओट्टो वार्मबियर की मौत मामले में उत्तर कोरिया पर करीब 3500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जज बेरिल हॉवेल ने सोमवार को यह आदेश छात्र के माता-पिता की अपील पर सुनवाई के बाद सुनाया है। बता दें कि, 22 साल का वार्मबियर 2016 में उत्तरकोरिया के टूर पर गया था। वहां उसे चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अमेरिका की एक जिला अदालत के जज ने वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के छात्र ओट्टो वार्मबियर की मौत के लिए उत्तर कोरिया को दोषी ठहराया है। फेडरल जज बेरिल हॉवेल ने उत्तर कोरिया को आदेश दिया है कि ओट्टो की मौत से उनके परिवार को हुए आर्थिक व भावनात्मक नुकसान की भरपाई के लिए 50 करोड़ डॉलर (करीब 3500 करोड़ रुपये) की रकम अदा करें।
ओट्टो छात्रों के एक दल के साथ उत्तर कोरिया गए थे, जहां उन्हें एक प्रतिबंधित क्षेत्र से प्रोपेगेंडा पोस्टर (देश, सरकार या क्रांति से संबंधित) चुराने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। मार्च, 2016 में उन्हें 15 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच जारी तनातनी को इस घटना ने और बढ़ा दिया था।
जेल में ओट्टो की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रिहा कर दिया गया था। कोमा की हालत में अमेरिका लौटे ओट्टो के शरीर पर कई गंभीर जख्म थे, जिनसे साफ हो रहा था कि कोरियाई जेल में उन्हें बहुत यातनाएं दी गई थीं।
इलाज के दौरान जून, 2017 में ओट्टो ने दम तोड़ दिया था। ओट्टो के माता-पिता सिंडी और फ्रेड वार्मबियर ने उत्तर कोरिया को उनकी मौत का दोषी ठहराते हुए अमेरिकी अदालत में मुकदमा दाखिल किया था।
जज ने अपने फैसले में कहा है, ‘ओट्टो जब उत्तर कोरिया गए थे तो उनकी आंखों में बड़े सपने थे और उन्हें हासिल करने की काबिलियत थी। जब वह लौटे तो ना देख सकते थे और ना ही सुन सकते थे।’
वार्मबियर दंपती ने इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि कोर्ट के इस फैसले को अमल में लाने का कोई तंत्र मौजूद नहीं है। लेकिन, पीड़ित परिवार को राज्य प्रायोजित अपराधों के पीडि़तों के लिए बनाए गए कोष से मदद दी जाएगी।
अमेरिका का न्याय विभाग इस रकम की भरपाई के लिए उत्तर कोरिया के बाहर मौजूद उसकी संपत्ति जब्त करने पर भी विचार कर सकता है।

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अमेरिका ने पाकिस्तान को दिया बड़ा झटका 118 अरब की सहायता रोकी https://cgtehelka.in/2018/11/21/%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a6/ Wed, 21 Nov 2018 05:21:06 +0000 https://chhattisgarhtimes.in/?p=3520 वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस साल की शुरूआत में मिले निर्देशों के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1ण्66 अरब डॉलर ;118 अरब रुपएद्ध की सुरक्षा सहायता रोक दी है।
पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहा पाकिस्तान अमेरिका के इस कदम से बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने मंगलवार को ईमेल के जरिए भेजे गए सवालों के जवाब में कहा कि पाकिस्तान को दी जाने वाली 1ण्66 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी गई है। इस संबंध में और कोई जानकारी नहीं दी गई।
ओबामा प्रशासन में अफगानिस्तानए पाकिस्तान और मध्य एशिया के लिए उप सहायक रक्षा मंत्री के रूप में काम कर चुके डेविड सिडनी का कहना है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता को इस वर्ष जनवरी से रोका जाना अमेरिका की हताशा का संकेत है।
उन्होंने कहा कि लेकिन अभी तक पाकिस्तान ने अमेरिका की मुख्य चिंताओं के निराकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। मुख्य चिंता यह है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के खिलाफ हिंसा का प्रयोग करने वाले समूहों को बर्दाश्त करता है और उन्हें अक्सर बढ़ावा देता है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान के नेताओं ने सहयोग का वादा किया थाए लेकिन बातों से अलग कोई गंभीर सहयोग नहीं किया हैए इसलिए राष्ट्रपति ट्रंप और ज्यादातर अमेरिकी निराश हैं।

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ईरान से तेल खरीदने पर भारत को अमेरिका ने दी छूट https://cgtehelka.in/2018/11/06/%e0%a4%88%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%b2-%e0%a4%96%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a6%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-2/ Tue, 06 Nov 2018 08:36:10 +0000 https://chhattisgarhtimes.in/?p=2752 अमेरिका ने भारत, चीन और जापान समेत आठ देशों को ईरान से तेल खरीदने पर लगी अस्थायी पाबंदी से छूट दे दी है। अमेरिका ने ईरान पर अब तक का सबसे सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि ईरान से तेल खरीदने पर प्रतिबंध से भारत, चीन, जापान, इटली, यूनान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और तुर्की को छूट दी गई है। यह छूट इस आधार पर है कि ये देश ईरान से तेल की खरीद में पहले ही भारी कटौती कर चुके है। ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका कोशिश करना जारी रखेगा।
अमेरिका पहले चाहता था कि भारत सहित सभी देश ईरान से तेल का आयात पूरी तरह से बंद कर दे, लेकिन अमेरिका के इस मंसूबे का होना मुश्किल था।
जुलाई 2015 में ईरान और यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के 5 स्थायी सदस्यों के बीच न्यूक्लियर समझौता हुआ था। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा ने समझौते के तहत ईरान को परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के बदले में बैन से राहत दी थी, लेकिन मई 2018 में ईरान पर ज्यादा दबाव बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने यह समझौता तोड़ दिया।

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भारतीय आईटी कंपनियों को झटका , H1B वीजा में बदलाव करने की तैयारी में अमेरिका https://cgtehelka.in/2018/10/18/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%af-%e0%a4%86%e0%a4%88%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9d/ https://cgtehelka.in/2018/10/18/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%af-%e0%a4%86%e0%a4%88%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9d/#respond Thu, 18 Oct 2018 09:30:13 +0000 http://chhattisgarhtimes.in/?p=1514 एच1बी वीजा पर अमेरिकी प्रशासन का रुख भारतीय आईटी कंपनियों के लिए लगातार परेशानी का कारण बन रहा है। खबर है कि अमेरिका एच1बी वीजा के तहत रोजगार समेत अन्य नियमों में बदलाव करने जा रहा है। अगर इन नियमों में बदलाव किया जाता है, तो इससे भारत की आईटी कंपनियों पर बुरा असर पड़ेगा। इसके साथ ही उन छोटी कंपनियों पर भी बुरा असर पड़ेगा, जिनकी कमान भारतीय-अमेरिकी लोगों के हाथों में है।
एच1बी वीजा विशेष तरह का वीजा है, जिसकी मदद से अमेरिकी कंपनियां खास तरह की विशेषज्ञता वाले विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखती हैं। इस वीजा की मदद से अमेरिकी टेक कंपनियां भारत और चीन जैसे देश से हर साल हजारों की संख्या में कर्मचारियों को नौकरी पर रखती हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) ने बुधवार को कहा कि जनवरी 2019 तक यूएस सिटीजनशिप एंड इमाइग्रेशन सर्विसेज की योजना नए प्रस्ताव को अमली जामा पहनाने की है। विभाग के मुताबिक वीजा के नियमों में किया जा रहा बदलाव ज्यादा प्रतिभावान विदेशी नागरिकों को मौका देने के लिए है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक नियमों में इसलिए बदलाव किया जा रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि मौजूदा नियमों की वजह से अमेरिकी कंपनी स्थानीय लोगों को नौकरी पर नहीं रखकर विदेशी लोगों से काम करवा रही हैं।
ट्रंप ने साफ तौर पर कहा था कि वह एच 4 वीजा होल्डर्स को जारी किए गए वर्क परमिट को वापस लेंगे। सरकार के इस फैसले से आम तौर पर भारतीय-अमेरिकी मूल के लोग प्रभावित होंगे। इसके साथ ही भारतीय आईटी कंपनियों की सेहत पर इसका खासा असर पड़ेगा, जो ओबामा के समय से अब तक सबसे बड़े लाभार्थी रहे हैं।

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150 साल के सबसे खतरनाक तूफान माइकल ने दी अमेरिका में दस्तक , चारो तरफ बर्बादी का मंजर https://cgtehelka.in/2018/10/12/150-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%96%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%95-%e0%a4%a4%e0%a5%82%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%ae/ https://cgtehelka.in/2018/10/12/150-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%96%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%95-%e0%a4%a4%e0%a5%82%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%ae/#respond Fri, 12 Oct 2018 07:44:52 +0000 http://chhattisgarhtimes.in/?p=1242 अमेरिका में 150 साल के सबसे शक्तिशाली तूफान माइकल ने गुरुवार को फ्लोरिडा में दस्तक दी। श्रेणी चार के इस खतरनाक तूफान ने तट से टकराने के तुरंत बाद एक जान ले ली है। मेक्सिको के खाड़ी क्षेत्र में इस तूफान की वजह से कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। कई सड़कों और घर पानी में डूब गए।
फ्लोरिडा के अधिकारियों ने कहा कि माइकल की वजह से 155 मील प्रतिघंटा (250 किलोमीटर प्रतिघंटा) की रफ्तार से हवाएं चलीं। प्रांत के उत्तरी पेनहैंडल इलाके में करीब एक शताब्दी में आया यह सबसे शक्तिशाली तूफान है। स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे ‘माइकल’ कमजोर होकर श्रेणी-एक का तूफान रह गया और इस दौरान 90 मील प्रतिघंटे की अधिकतम रफ्तार से हवाएं चलीं।
बर्बादी का भयानक मंजर
मैक्सिको बीच से आई तस्वीरों और वीडियो में बर्बादी का मंजर नजर आ रहा है जहां पानी से भरी सड़कों पर घर तैरते दिखे, कुछ घर अपनी नींव से उखड़ गए जबकि कई घरों की छतें उड़ गईं। सड़कों पर मलबे का ढेर तैरता दिख रहा है।
तीन घंटे की मूसलाधार से हालात बदतर
करीब तीन घंटों तक तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के बाद पनामा सिटी की सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया। जगह-जगह पेड़ उखड़े पड़े हैं, सेटेलाइट डिशें और ट्रैफिक लाइट उखड़ी पड़ी हैं।
1851 के बाद सबसे भयंकर तूफान
व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जानकारी देते हुए फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (एफईएमए) प्रमुख ब्रॉक लांग ने कहा कि माइकल फ्लोरिडा पेनहैंडल में 1851 के बाद से आने वाला सबसे भयंकर तूफान है। स्कॉट ने कहा कि इस भयानक तूफान के चलते तटों के साथ साथ घरों और अन्य सामान में भयंकर बर्बादी होने के आसार हैं। ट्रंप ने बुधवार को पेंसिलवेनिया में एक रैली के दौरान तूफान के रास्ते में आने वाले लोगों की सलामती के लिए दुआ की थी और कहा था कि वह जल्द फ्लोरिडा का दौरा करेंगे। लाखों लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा गया था।
पेड़ के नीचे दबकर एक की मौत
गैडसन काउंटी बोर्ड की जनसंपर्क अधिकारी ओलिविया स्मिथ ने कहा कि तूफान में अभी एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। राजधानी टालाहासी में युवक की मौत तूफान में टूटे पेड़ के नीचे दबने से हुई।
श्रेणी तीन तूफान झेलने लायक इमारतें हैं
फ्लोरिडा में बनीं अधिकतर इमारतें श्रेणी 3 का तूफान झेलने के लिए ही सक्षम हैं। तट से टकराते वक्त माइकल श्रेणी 5 का तूफान था और हवाएं 157 मील प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी।
यहां हो सकता है असर
अधिकारियों ने अलाबामा और जॉर्जिया में इस तूफान के कारण तबाही का अंदेशा जताया है। साथ ही इस तूफान के चलते उत्तर और दक्षिण कैरोलिनाम में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है। कैरोलिना अभी पिछले महीने आए फ्लोरिना तूफान के परिणामों से उबरने की कोशिश कर रहा है। 14 सितंबर को आए इस तूफान से दर्जनों लोगों की मौत हुई थी और अरबों डॉलर की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।

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UN में निकी हेली की जगह धमाल मचा सकती है मेरी बेटी इवांका : डोनॉल्ड ट्रम्प https://cgtehelka.in/2018/10/10/un-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%97%e0%a4%b9-%e0%a4%a7%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae/ https://cgtehelka.in/2018/10/10/un-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%97%e0%a4%b9-%e0%a4%a7%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae/#respond Wed, 10 Oct 2018 21:29:06 +0000 http://chhattisgarhtimes.in/?p=1089 वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि उनकी बेटी इवांका संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अमेरिकी दूत के तौर पर धमाल मचा सकती है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वह निकी हेली की जगह अपनी बेटी को नियुक्त करते हैं तो उन पर भाई-भतीजावाद के आरोप लगेंगे।
भारतवंशी हेली ने मंगलवार को एलान किया था कि वह इस साल के आखिर में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत का पद छोड़ देंगी। इसके बाद ट्रंप ने उनके काम की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बेहतरीन काम किया।
ट्रंप ने बताया कि आगामी दो-तीन सप्ताह में हेली के उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। इस पद के लिए उनके दिमाग में उनकी पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डायना पावेल समेत पांच नाम हैं।
एक सवाल पर उन्होंने अपनी बेटी इवांका की प्रतिभा की तारीफ करते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि इवांका असाधारण होंगी। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि मैं उनका चयन करूंगा। ट्रंप के इस बयान के बाद इवांका ने ट्विटर पर लिखा कि वह राजदूत बनने की होड़ में नहीं है।
उन्होंने लिखा, ‘ह्वाइट हाउस में काम करना सम्मान की बात है। मैं यह जानती हूं कि राष्ट्रपति राजदूत हेली की जगह पर किसी प्रतिभावान को नामित करेंगे। यह बदलाव मेरे लिए नहीं होगा।’
बेटी और दामाद हैं सलाहकार-
36 वर्षीय इवांका पेशे से कारोबारी, फैशन डिजाइनर और लेखिका हैं। वह और उनके पति जेरेड कुश्नर राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार भी हैं।

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अमेरिका ने इजरायल से खरीदी ‘ट्रॉफी’ सैन्य हथियार प्रणाली https://cgtehelka.in/2018/10/10/%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%87%e0%a4%9c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b2-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%96%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a6/ https://cgtehelka.in/2018/10/10/%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%87%e0%a4%9c%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b2-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%96%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a6/#respond Wed, 10 Oct 2018 21:15:47 +0000 http://chhattisgarhtimes.in/?p=1086 यरुशलम। दुनियाभर को हथियार बेचने वाले अमेरिका ने अपने बख्तरबंद वाहनों की सुरक्षा के लिए इजरायल से सैन्य हथियार प्रणाली ‘ट्रॉफी’ को खरीदने का सौदा किया है। अमेरिका को यह प्रणाली 50 करोड़ डॉलर (करीब 3,700 करोड़ रुपये) में मिलेगी।
ट्रॉफी सैन्य वाहनों को मिसाइल और मोर्टार के हमले से बचाती है। इसके साथ ही यह सैन्य वाहनों की ओर आती मिसाइल और मोर्टार को नष्ट करने की क्षमता भी रखती है। इसे इजरायली कंपनी रफायल एडवांस डिफेंस सिस्टम ने विकसित किया है।
पिछले साल जून में भी अमेरिकी सेना ने अपने एबरैम्स टैंकों की सुरक्षा के लिए रफायल से 19.3 करोड़ डॉलर (करीब 1,430 करोड़ रुपये) में यह प्रणाली खरीदी थी। अब उसने ज्यादा टैंकों की सुरक्षा के लिए नया करार किया है।
रफायल अमेरिकी सेना को ट्रॉफी का हल्का संस्करण भी बेचने की योजना पर विचार कर रही है। इससे अमेरिकी बख्तरबंद टैंकों ब्रैडली और स्ट्राइकर की सुरक्षा हो पाएगी। ट्रॉफी का हल्का संस्करण भी 300 से ज्यादा टैंक रोधी मिसाइल और मोर्टार को रोकने की क्षमता रखता है।

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ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत को अतिरिक्त तेल आपूर्ति करेगा सऊदी अरब https://cgtehelka.in/2018/10/10/%e0%a4%88%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a7/ https://cgtehelka.in/2018/10/10/%e0%a4%88%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a7/#respond Wed, 10 Oct 2018 20:43:42 +0000 http://chhattisgarhtimes.in/?p=1080 सिंगापुर। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध को देखते हुए सऊदी अरब भारत को अतिरिक्त कच्चा तेल मुहैया कराएगा। ईरान पर चार नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध प्रभावी होंगे। इसके बाद ईरान से तेल खरीदने वाली कंपनियों व देशों के खिलाफ अमेरिका आर्थिक प्रतिबंध जैसे कदम उठा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोलियम निर्यातक देश सऊदी अरब भारतीय कंपनियों को 40 लाख बैरल कच्चे तेल की अतिरिक्त आपूर्ति करेगा। यह आपूर्ति चार भारतीय रिफाइनरियों को की जाएगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और मंगलौर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड इनमें शामिल हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि इनमें से किसी कंपनी की ओर से नहीं हुई है। अभी सऊदी अरब से भारत हर महीने औसतन 2.5 करोड़ बैरल कच्चा तेल आयात करता है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है।
भारतीय कंपनियां कच्चे तेल के बड़े हिस्से के लिए ईरान पर निर्भर हैं। ऐसे में अमेरिकी प्रतिबंध के बाद कच्चे तेल की जरूरत पूरी करने के लिए उन्हें अन्य विकल्प तलाशने होंगे। हालांकि हाल ही में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट किया था कि अमेरिकी प्रतिबंध प्रभावी होने के बाद भी ईरान से तेल आपूर्ति जारी रखी जाएगी।
दो सरकारी कंपनियों ने नवंबर के लिए तकरीबन 90 लाख बैरल तेल खरीद का सौदा ईरान से किया है। इनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भी शामिल है। प्रधान ने कहा था, ‘हमने ईरान से तेल खरीदने का अपना विकल्प जारी रखा है। नवंबर के लिए भी भारत की दो तेल कंपनियों ने ईरान से तेल खरीदने का समझौता किया है। हमें नहीं पता कि अमेरिका इस सौदे पर प्रतिबंध से छूट देगा या नहीं।’
ईरान के साथ भारतीय रुपये में भुगतान को लेकर भी बातचीत चल रही है। इस बीच अमेरिकी प्रशासन ने कुछ देशों को प्रतिबंध से सशर्त छूट देने की बात भी कही है।

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