नेशनल

जहां बचपन में सीखा क-ख-ग…उस स्कूल में पहुंचे DGP, पुराने अटेंडेंस रजिस्टर में अपना नाम देख भावुक हो गए अफसर

आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारका तिरुमाला राव का जन्म गुंटूर जिले में हुआ. इनका बचपन बहुत ही संघर्षों में बिता. उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा गुंटूर में रहकर पूरी की. आईपीएस बनने के बाद उन्होंने कई बार गुंटूर शहर का दौरा किया. यहां आकर उन्होंने कई बार अपनी बचपन की यादों को ताजा किया. अपने दोस्तों के साथ समय बिताया. लेकिन उनके दोस्तों का कहना है कि शनिवार का उनका दौरा बहुत खास था.

डीजीपी द्वारका तिरुमाला राव ने कृष्णानगर के एक नगरपालिका के स्कूल में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई की थी. यह स्कूल अभी भी चल रहा है. दोस्तों के कहने पर डीजीपी अपने स्कूल पहुंचे. यहां आकर उनके स्कूल की यादें ताजा हो गई. स्कूल में आने के बाद उन्होंने पूरे स्कूल में घूमा और एक-एक जगह में छिपी बचपन की कहानियों का जिक्र किया. इसी दौरान स्कूल प्रशासन ने बहुत ही गर्मजोशी से उनका स्वागत किया.

DGP ने देखा स्कूल रजिस्टर में अपना नाम

स्कूल प्रशासन ने डीजीपी को वह अटेंडेंस रजिस्टर भी दिखाया, जिसमें डीजीपी द्वारका तिरुमाला राव का नाम लिखा हुआ था. रजिस्टर में अपना नाम देखकर डीजीपी भावुक हो गए. नाम देखते ही स्कूल के दिनों की यादें ताजा हो गईं. उन्होंने अपने दोस्तों को बताया कि जब वह स्कूल की घंटी बजने के बाद घर जाते थे तो हर दिन मां उनसे पूछती थीं कि आज तुमने क्या सीखा. इसके बाद उन्होंने छात्रों से बात की और उन्हें जीवन के बहुमूल्य सुझाव दिये.

उन्होंने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रहकर किताबें पढ़ने की आदत डालने की बात कहीं. बच्चों का माता-पिता की इच्छा अनुसार मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिए. अच्छे कामों में मन लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है और शीर्ष पर पहुंचने पर भी अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए. स्कूल में डीजीपी के आने पर छात्रों और शिक्षकों ने अपनी खुशी जताई है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button