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45000 रुपये, नौकरी का ऑफर और बिना दवा के इलाज… हिंदुओं को ईसाई बनाने की लगाई कीमत; ऐसे खुली पोल

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के दिलदारनगर थाना क्षेत्र के फरीदपुर गांव से लोगों का धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है. जहां मौजपुर में कुछ लोगों ने आसपास के गरीब और भोले भाले लोगों को बुलाकर उन्हें बीमारियों से निजात दिलाने और मशीनरी की तरफ से 45000 रुपये दिए जाने का लालच दिया. इस बात की शिकायत गांव के ही रहने वाले शिव वचन राम ने पुलिस से की.

उन्होंने शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उनका पड़ोसी ओम प्रकाश कई और लोगों के साथ मिलकर हर रविवार को धर्म सभा का आयोजन करते हैं. इसमें आए हुए लोगों को ईसाई धर्म के मुताबिक किताबों का वितरण किया जाता है . बीते रविवार को भी ओमप्रकाश अपने भाई बाल गोविंद और गोहदा गांव के रहने वाले अपने दामाद जितेंद्र राम के साथ घर में आए हुए लोगों को लालच देकर प्रचार सामग्री बांट रहा था.

ईसाई धर्म अपनाने के बाद पैसा

उन्होंने आगे बताया कि लोगों को ईसाई धर्म स्वीकार कर लेने के बाद 45000 रुपये देने का आश्वासन भी दिया गया. उन्हें बताया गया कि जिन लोगों को कोई बीमारी है. उन लोगों की बीमारी बिना दवा के प्रभु यीशु के आशीर्वाद से ठीक हो जाएगी. इस दौरान हिंदू देवी देवताओं को लेकर भी उन लोगों ने अभद्र टिप्पणी की. इसका विरोध जब शिकायतकर्ता ने किया था. तब इन लोगों ने उसके साथ मारपीट और गाली गलौज भी किया. इसके बाद वह इस संबंध में दिलदारनगर पुलिस को जानकारी देने के लिए पहुंचे.

आरोपियों को घर से किया गिरफ्तार

इसके साथ ही लिखित तहरीर भी दी. पुलिस ने इस तहरीर पर कार्रवाई करते हुए तीनों अभियुक्तों को उनके घर से गिरफ्तार किया. वहीं एक अभियुक्त ओमप्रकाश का बेटा अच्छेलाल फरार है, जिसकी पुलिस गहनता से तलाश कर रही है.धर्म परिवर्तन का यह कोई नया मामला नहीं है. गाजीपुर के ग्रामीण इलाकों में जहां पर आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब लोग रहते हैं. उन्हें यह लोग अपना निशाना बनाते हैं और उन्हीं लोगों के जरिए ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार कर धर्म परिवर्तन का करने का दबाव बनाते हैं, जिसमें कुछ लोग लालच में आकर धर्म परिवर्तन भी लेते हैं.

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