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चिल्लर देकर ग्राहक ने चुकाया बिजली बिल, गिनती करने में लगे 5 घंटे, कर्मचारियों के छूटे पसीने

महाराष्ट्र की महावितरण बिजली कंपनी की वसूली मुहिम के दौरान एक शख्स ने कर्मचारियों के ठंड में पसीने छुड़ा दिए, जहां वह अपना बिजली का बिल एक और दो रुपयों के सिक्कों से चुकाने पहुंचा. उसका 7 हजार 160 रुपये का बिल बना था और वह 7 हजार 160 रुपये के सिक्के लेकर वह दफ्तर पहुंचा. इसके बाद कर्मचारियों को दिए, जब वह सिक्के गिनने बैठे तो उनके पसीने छूट गए.

ये मामला महाराष्ट्र के रिसोड शहर से सामने आया है, जहां के एक ग्राहक ने अपना 7 हजार 160 रुपये का बिजली का बिल एक और दो रुपये के सिक्कों में चुकाया. इन सिक्कों का कुल वजन लगभग 40 किलो था. महावितरण के कर्मचारियों ने यह सिक्के ग्राहक से लेकर ऑफिस तक पहुंचाने में भी मशक्कत की. उन्होंने सिक्कों को बाइक से एक किलोमीटर की दूरी तय कर ऑफिस तक पहुंचाया.

तीन कर्मचारियों को लगे 5 घंटे

शख्स के बिजली बिल के भुगतान के सिक्के गिनने के लिए महावितरण के तीन कर्मचारियों को लगना पड़ा. इनमें कैशियर प्रशांत थोटे, लाइनमैन उद्धव गजभार और ठेका कर्मचारी अतुल थेर ने सिक्के गिनने का काम किया. तीन कर्मचारियों के सिक्के गिनने के बावजूद भी ये सिक्के गिनने में लगभग पांच घंटे का वक्त लग गया. सिक्के गिनने के दौरान कर्मचारियों को खूब मेहनत करनी पड़ी और ठंड के बावजूद पसीना आ गया.

7 हजार 160 रुपये के सिक्के

अब क्योंकि ग्राहक जो सिक्के अपना बिजली बिल भरने के लिए लेकर आया था. वह सिक्के प्रचलन में थे. इसलिए महावितरण कर्मचारियों को ग्राहक से सिक्के लेने से मना करने का भी अधिकार नहीं था. ऐसे में कर्मचारियों ने पांच घंटे लगाए और 7 हजार 160 रुपये के सिक्के गिने. अब ये मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां एक ग्राहक ने कर्मचारियों को परेशान कर दिया. उसने अपना टोटल बिजली बिल एक-दो के सिक्कों से चुकाया. सिक्के गिनते-गिनते कर्मचारियों की हालत खराब हो गई.

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