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पहली बार पुलिस ने किया इस धारा का उपयोग, पुलिस की नीलामी से पीड़ित को मिला चोरी का पैसा

उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश में पहली बार चोरी के पैसों से खरीदे गए सामान की नीलामी कराकर उससे मिली रकम को पीड़ित को वापस कराए. प्रदेश की बुलंदशहर पुलिस ने बीएनएस की धारा 107(1) के तहत पीड़ित को 2,17,900 रुपये वापस किए. इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस को चार महीने का समय लगा. नीलाम किया गया सामान पुलिस ने चोरी के आरोपियों से बरामद किया था. रकम वापस मिलने से पीड़ित ने पुलिस का आभार जताया.

पीड़ित की दुकान से उनके नौकरों ने पांच लाख रुपये की चोरी की थी. पीड़ित दुकानदार ने इसकी शिकायत पुलिस से की, जिस पर पुलिस ने दुकान पर नौकरी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. उस दौरान उनके कब्जे से चोरी की रकम में से 1,02,237 रुपये बरामद हुए थे. बाकी रकम से उन्होंने बाइक और एक मोबाइल खरीदा था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया था. इसी सामना की पुलिस ने नीलामी कराई और प्राप्त रकम पीड़ित दुकानदार को वापस कराई.

नौकरों ने चुराए थे 5 लाख रुपये

मामला जिले के सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र का है. बुलंदशहर एसएसपी श्लोक कुमार ने मीडिया को बताया कि सिकंदराबाद निवासी हर्ष अग्रवाल की अनाज मंडी में दुकान है. जहां अनुज सैनी, भूरा और संदीप नौकरी करते थे. 2 सितंबर 2024 को तीनों ने दुकान के गल्ले से पांच लाख रुपये चोरी कर लिए. हर्ष ने पुलिस को तहरीर देकर चोरी का माला दर्ज कराया. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उसी दिन तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया था.

पुलिस की जांच में आरोपियों के पास चोरी की रकम में 1,02,237 रुपये भी बरामद हुए. आरोपियों से बाकी रुपयों को लेकर पूछताछ की गई, जिसमें बताया गया कि उन्होंने केटीएम बाइक और एक मोबाइल खरीदा था. पुलिस ने दोनों सामान भी जब्त कर लिए. पुलिस ने इन दोनों सामान को आरोपियों के द्वारा अपराध कर प्रत्यक्ष रूप से अर्जित की गई संपत्ती माना. पुलिस ने बीएनएस की धारा 107(1) के तहत चोरी के इन सामान को नीलाम कराया.

पीड़ित को सौंपा चेक

इससे पहले कोर्ट ने डीएम को 13 नवंबर को नियमानुसार कुर्की का आदेश दिया. फिर 26 दिसंबर को डीएम के आदेश पर सिकंदराबाद कोतवाली में आरोपी संदीप से बरामद केटीएम बाइक और फोन की नीलामी कराई गई. इनमें बाइक की नीलामी 2 लाख एक हजार रुपये और मोबाइल 16 हजार 900 रुपये में नीलाम हुआ. नीलामी में मिली 2 लाख 17 हजार 900 रुपयों को ट्रेजरी में जमा कराया गया. जिसका चेक पीड़ित हर्ष को सौंप दिया गया.

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