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BREAKING NEWS : 20 लाख रुपये की घूस ले रहे थे सरकारी वकील, रंगे हाथ पकड़े गए

अहमदाबाद में एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने एक बार फिर रिश्वत लेने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. इस बार सरकारी वकील राजेंद्र गढ़वी को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. यह राशि शिकायतकर्ता से 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग का हिस्सा थी, जिसमें से 20 लाख रुपये एडवांस के रूप में दिए गए थे.

राजेंद्र गढ़वी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की थी. इस मामले में एसीबी ने दो बिचौलियों, मेट्रो कोर्ट के वकील सुरेश पटेल और विशाल पटेल को भी गिरफ्तार किया है. यह घटना अहमदाबाद के कठलाल सिविल कोर्ट से जुड़ी है, जहां वकील ने रिश्वत लेने की कोशिश की थी.

गोधरा में न्यायाधीश को घूस देने की कोशिश

इससे पहले, गोधरा स्थित एक लेबर कोर्ट में भी रिश्वत देने का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था. याचिकाकर्ता ने न्यायाधीश को 35,000 रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की थी. उसने यह राशि एक सीलबंद लिफाफे में रखी, जिसमें केस नंबर और अन्य विवरण भी थे. जब न्यायाधीश ने लिफाफे का विवरण देखा, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया.

इस मामले में याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर गोधरा एसीबी में शिकायत दर्ज की गई है. बताया जा रहा है कि आवेदक भादर बांध वितरण उपमंडल में दिहाड़ी मजदूर के रूप में कार्यरत था और उसकी बहाली का मामला कोर्ट में चल रहा था.

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की तरफ से फ्री हैंड

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा एसीबी को फ्री हैंड दिए जाने के बाद, गुजरात में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) लगातार भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. कुछ पहिनों पहले ही ब्यूरो ने अहमदाबाद नगर निगम (AMC) के एक बड़े भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले का खुलासा करते हुए अहम कार्रवाई की.

एसीबी ने अहमदाबाद नगर निगम के असिस्टेंट टाउन प्लानर हर्षद भोजक और इंजीनियर आशीष पटेल को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए हर्षद भोजक के आवास से एसीबी ने 73 लाख रुपये नकद और 4.5 लाख रुपये का सोना भी जब्त किया, जिससे भ्रष्टाचार के एक और बड़े मामले का पर्दाफाश हुआ.

एसीबी की कमान इस तेजतर्रार आईपीएस के पास

गुजरात एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की कमान तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी डॉ. शमशेर सिंह के पास है. राज्य सरकार ने उन्हें दूसरी बार एसीबी की जिम्मेदारी सौंपी है. पहले कार्यकाल में भी उन्होंने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी और ब्यूरो के काम से भ्रष्टाचारियों में खौफ पैदा किया था.

इस बार भी उन्होंने कई अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज किया है.

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