छत्तीसगढ़

पनीर की सब्जी खाकर आश्रम की 35 छात्राएं हुई थीं फूड पॉइजनिंग की शिकार, तीसरी कक्षा की छात्रा ने तोड़ा दम

बीजापुर- जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर माता रुक्मणी कन्या आश्रम धनोरा (आवासीय विद्यालय) की छात्राएं रविवार रात में भोजन करने के बाद फूड पॉइजनिंग की शिकार हो गईं। आश्रम में 88 छात्राएं रहती हैं। इनमें 35 छात्राओं को सोमवार सुबह जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया था। इनमें 9 को गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रखा गया है। मंगलवार सुबह एक छात्रा की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, तीसरी की छात्रा शिवानी तेलम ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़। अस्पताल में बेड की कमी अन्य सुविधाएं का अभाव होने के बावजूद बच्चों के इलाज में स्वास्थ्य अमला डटा है। आला अधिकारी नजर रखे हुए हैं।

अधिकांश छात्राएं खतरे से बाहर

  • शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मंगेश मस्के ने नईदुनिया से चर्चा में बताया, पीड़ित छात्राओं की स्थिति में सुधार हो रहा है। गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती छात्राओं की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और समुचित उपचार किया जा रहा है।
  • डॉ. मंगेश ने बताया कि उल्टी दस्त के साथ ही कुछ को बुखार भी है। इधर, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीआर पुजारी ने जिला स्तर से चिकित्सकों की एक टीम गठित कर धरोना आश्रम भेजी है।
  • टीम आश्रम में दो दिन रुककर सभी छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। बताया गया कि लगभग दो दर्जन छात्राओं को बुखार होने से मलेरिया, टाइफाइड और डेंगू की जांच भी कराई जा रही है।
  • आश्रम अधीक्षक ने बताया कि रात में पनीर की सब्जी बनी थी। सभी बच्चों और स्टाफ ने सब्जी का सेवन किया था। रात में कुछ छात्राओं को उल्टी दस्त होने पर आश्रम में ही दवाइयां दी गईं और सुबह जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया।

पहली बार हुई घटना

माता रुक्मणी सेवा संस्थान डिमरापाल द्वारा बस्तर संभाग में 36 आश्रम शालाओं का संचालन किया जाता है। पहली बार किसी संस्थान में फूड पॉइजनिंग की स्थिति सामने आई है। संस्थान के संचालक मंडल के एक सदस्य ने बताया कि यहां से भी संस्थान के एक दल को बीजापुर भेजा गया है, जो पीड़ित छात्राओं के उपचार के लिए सहयोग करेगा।

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