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अपनी ही बाइक पर बैठा था, चोर-चोर कहकर उठा ले गई पुलिस, गिड़गिड़ाता रहा युवक

बिहार के भागलपुर जिले का मामला है. अरे सर, मैं चोर नहीं हूं, ये मेरी ही मोटरसाइकिल है… पुलिस के सामने गिड़गिड़ाता रहा युवक, लेकिन साहब सुनने वाले कहां थे, युवक का कॉलर पकड़ा और उठा ले गए. अपनी ही बाइक पर बैठे शख्स को चोर समझकर पुलिस वालों ने जबरदस्ती पुलिस गाड़ी में बैठाया फिर थाने लेकर चले गए, और 6 घंटे के बाद उसे छोड़ा. यह घटना बिहार के भागलपुर जिले के व्यवहार न्यायालय के सामने की है. जब अपनी मां को कोर्ट छोड़ने आए शख्स को पुलिस चोर समझ कर उठा ले गई.

दरसअल, कचहरी चौक स्थित पेट्रोलपंप के सामने सिविल कोर्ट के पास एक युवक को पुलिस वाले बाइक चोर बताकर जबरन उठा ले गए, वह भी उस बाइक के लिए जो खुद उसकी मां की थी. लगभग आधे घंटे तक वह गिड़गिड़ाता रहा, सर मैं चोर नहीं, यह मेरी ही मोटरसाइकिल है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस जबरन उसे तिलकामांझी थाने ले गई. थाने में करीब छह घंटे बिठाकर रखा और फिर बांड भरवा कर छोड़ दिया.

बाइक से लेकर कोर्ट पहुंचा था युवक

जिले के हुसैनाबाद के रहने वाले मो आसिफ अपनी मां नाजमा को बाइक से लेकर कोर्ट पहुंचा था. उसकी मां कोर्ट परिसर के अंदर गई. इस दौरान तिलकामांझी थाने की गश्ती गाड़ी वहां पहुंची. युवक से बाइक के कागजात दिखाने को कहने लगी. युवक ने फोन पर कागजात मंगाने के लिए समय मांगा. क्योंकि गाड़ी उसकी मां के नाम से है. लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं सुनी.

युवक के साथ धक्का-मुक्की करते हुए उसे जीप पर बैठा कर उसे थाना लेकर चली गई. परिजन जब थाने पर कागजात दिखाए तो युवक को पीआर बांड भरवाकर छोड़ा गया. मो• आसिफ कोर्ट के गेट नंबर एक के पास अपनी बाइक खड़ी कर उस पर बैठा था. पुलिस ने शक के आधार पर ही आसिफ को धक्का देते हुए, कॉलर पकड़कर पुलिस जिप्सी में बैठा लिया. पुलिस वाले उसकी एक सुनने को तैयार नहीं थे.

क्या बोले तिलकामांझी थाने के पुलिस अफसर?

इस संबंध में तिलकामांझी थानेदार शंभु पासवान ने बताया कि क्षेत्र में बाइक चोरी की घटना बढ़ गई है. इसलिए संदिग्ध होने की स्थिति में जांच की जाती है. उन्होंने बताया कि बाइक के कागजात की जांच के बाद युवक को छोड़ दिया गया.

लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि जब युवक पुलिस वालों को युवक यह कह रहा था कि यह मेरी मोटरसाइकिल है तो उस जगह पर ही जांच क्यों नहीं की गई. आधार कार्ड के माध्यम से भी गाड़ी नंबर से पहचान की जा सकती थी, लेकिन वर्दी वालों ने ऐसा नहीं किया और वर्दी की हनक में उसे थाने लेकर चले गए. इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद लोग भी इस घटना को देखकर हैरान हो गए.

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